जोसे मोरिन्हो(jose Mourinho) का 2018 प्रीमियर लीग खिताब पर बयान

जोस मोरिन्हो ने हाल ही में कहा कि उन्होंने 2018 प्रीमियर लीग खिताब की उम्मीदें अभी तक पूरी तरह नहीं छोड़ी हैं। मैनचेस्टर सिटी पर वित्तीय नियमों के उल्लंघन के आरोपों के बाद, यह चर्चा हो रही थी कि क्या सिटी को उनके खिताब से हटा दिया जाएगा। मोरिन्हो, जो उस सीजन में मैनचेस्टर यूनाइटेड के मैनेजर थे, ने मजाक में कहा कि यदि उनकी टीम, जो उस साल दूसरे स्थान पर रही थी, को खिताब मिल जाता है, तो यह दिलचस्प होगा।
2018 प्रीमियर लीग सीजन में मैनचेस्टर सिटी ने 100 अंकों के साथ खिताब जीता था, जबकि मैनचेस्टर यूनाइटेड 19 अंकों से पीछे रहते हुए दूसरे स्थान पर थी। मोरिन्हो ने कहा कि वे इस मामले में बहुत गहराई से नहीं जा रहे हैं, लेकिन अगर उनकी टीम को चैंपियन घोषित किया जाता है, तो यह देखना दिलचस्प होगा। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें बस इंतजार करना है और देखना है कि क्या होता है।
मोरिन्हो की इस टिप्पणी के बाद चर्चा का माहौल गरम हो गया है कि क्या प्रीमियर लीग खिताब का फैसला बदल सकता है। हालांकि, उन्होंने मजाकिया लहजे में अपनी बात कही, फिर भी यह सवाल अब खेल जगत में प्रमुखता से उठने लगा है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि उनका मुख्य ध्यान अपनी टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने पर है और वे बस इस सीजन में अधिक से अधिक अंक हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लीग की प्रतिस्पर्धात्मकता की सराहना की और कहा कि प्रीमियर लीग में हर मैच चुनौतीपूर्ण होता है।
मोरिन्हो की यह टिप्पणी तब आई जब मैनचेस्टर सिटी को यूरोपियन प्रतियोगिताओं से प्रतिबंधित कर दिया गया था, और यह देखा जा रहा है कि उनका मामला कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में जाएगा। अगर सिटी को दोषी पाया जाता है, तो इससे मैनचेस्टर यूनाइटेड को फायदा हो सकता है, लेकिन फिलहाल यह सब केवल अटकलें ही हैं।
मोरिन्हो ने अपनी टीम के बारे में बात करते हुए यह भी कहा कि उनका लक्ष्य केवल चौथे या पांचवें स्थान पर रहना नहीं है, बल्कि वे हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हैं और सीजन के अंत में देखा जाएगा कि वे कहां खड़े हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रीमियर लीग की प्रतिस्पर्धा कितनी कठिन है और हर टीम के पास शीर्ष पांच में आने का मौका है।
इस पूरे प्रकरण में मोरिन्हो की हास्यपूर्ण टिप्पणी ने फुटबॉल प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच बहस को जन्म दिया है, लेकिन इस बात की संभावना कम ही है कि प्रीमियर लीग खिताब को वापस लेने का कोई आधिकारिक निर्णय लिया जाएगा। फिर भी, मोरिन्हो का बयान निश्चित रूप से फुटबॉल जगत में चर्चा का विषय
बना हुआ है।
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